जीवन पर आधारित गजल
इतना बुरा तो तेरा भी अंजाम नहीं है
सूरज जो सवेरे था वही शाम नहीं है
पहचान अगर बन न सकी तो फिर क्या ग़म
कितने ही सितारों का कोई नाम नहीं है
आकाश भी धरती की तरह घूम रहा है
दुनिया में किसी चीज़ को आराम नहीं है
मत सोच कि क्या तूने दिया तुझको मिला क्या
शायर है जमा-ख़र्च तेरा काम नहीं है
ये शुक्र मना इतना तो इंसाफ़ हुआ है
तुझ पर ही तेरे क़त्ल का इलजाम नहीं है
माना वो मेहरबान है सुनता है सभी की
मत भूल कि उसका भी करम आम नहीं है
उठने दे जो उठता है धुआँ दिल की गली से
बस्ती वो कहाँ है जहाँ कोहराम नहीं है
टपकेगा रुबाई से तेरी ख़ून या आँसू
राही है तेरा नाम तू ख़ैयाम नहीं है।
- बाल स्वरूप राही
Video of this Gajal (Bal Swaroop Rahi)
धन्यवाद
5 Comments
Nice ghazal on Real life
ReplyDeleteYour reply is Motivation for me
DeleteAwesome thank you
ReplyDeletewelcome sir
ReplyDeleteNiche motivational, very nice images celltion
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